मुबारक हो आपको यह ईद का दिन ---
(ID UL FITAR MUBARAK)
लेखक--(पंडित दयानंद शास्त्री"अंजाना")
हो मुबारक-मुबारक सबको मुबारक हो ईद्...
बहुत दिन बाद आया ये मुबारक दिन ईद का....
रमज़ां का महीना है, शान इसकी निराली है ...
मोहब्बत से जीने का गले मिलते रहने का ....
आया मुबारक दिन ये ईद का ....
दुआएं सबकी हों कबूल,
फले-फूले देश हमारा एक डाली के हम सब फूल,
मुबारक-मुबारक सबको मुबारक हो ये ईद्।
इस महीने में भर जाती, हर वो झोली, जो ख़ाली है .....
जमाना है तिजारत का, तिजारत ही तिजारत है ....
खुशियाँ मनाने का रंजिशें मिटाने का...
निरंतर इंसान बन कर जीने का...
अमन का पैगाम फैलाने का....
गिले शिकवे दूर करने का...दिन ये ईद हें आया ...
बाज़ारों भी देखो, रौनक़ बड़ी छाई है .......
करने को ख़रीदारी, ख़लक़त चली आई है .....
हर मोमिन के घर में, अल्लाह की रहमत है .....
हर शय में हुई अब तो, बरकत ही बरकत है ....
रमजान के बाद, देखो आई है ये ईद....
ढेरों खुशियां लाई है ये ईद ,
सारे शिकवे गिले भुलाओ,
दुश्मन से भी प्यार निभाओ।
भाईचारा देखो लाई है ये ईद .....
घर-घर महकेगी सेवंइयां,
दुआएं सबकी हों कबूल,
मोहब्बत से जीने का गले मिलते रहने का ....
आया मुबारक दिन ये ईद का ....
दुआएं सबकी हों कबूल,
फले-फूले देश हमारा एक डाली के हम सब फूल,
मुबारक-मुबारक सबको मुबारक हो ये ईद्।
----लेखक--(पंडित दयानंद शास्त्री"अंजाना")
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