सावधान--न्याय देवता शनि ने (1 अगस्त 2012 को
सुबह 9.40 बजे से)बदली अपनी चाल....
न्यायाधिपति शनि ग्रह ने 1 अगस्त 2012 को सुबह 9.40 बजे से शनि कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश किया है… (ध्यान देवें की पंचांग भेद से तिथियों में अंतर हो सकता है।) इसके बाद शनि 2014 के अंत में राशि बदलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। तब तक तुला राशि के शनि का प्रभाव सभी राशियों पर कैसा रहेगा, जानिए…
इस संबंध में ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित दयानंद शास्त्री (मोब.-09024390067 ) के अनुसार शनि वक्री होकर कन्या राशि में गया था। अब पुन: शनि तुला राशि में आने से सिंह से शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी एवं वृश्चिक राशि पर साढ़ेसाती प्रारंभ होगी। कुंभ एवं मिथुन से शनि की ढैय्या समाप्त होकर कर्क एवं मीन पर शनि की ढैय्या प्रारंभ होगी।
शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। अत: शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या वालों को किसी के भी साथ अन्याय करने, उपहास करने एवं बुरा बोलने या करने से बचना चाहिए। जो लोग ऐसे कार्य करेंगे बहुत ही जल्द उन्हें इसका दुष्प्रभाव झेलना पड़ सकता है।
ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित दयानंद शास्त्री (मोब.-09024390067 ) के अनुसार तुला राशि में शनि का उच्च में होने से मंहगाई कम होने के आसार बन रहे हैं। साथ ही पडोसी देशों की सीमाओं पर तनाव बढऩे की संभावनाएं हैं शनि के राशि बदलने से जिन जातकों की राशि कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक एवं मीन है, उनकी कुंडलियों में शनि उच्च, स्वराशि या मित्र राशि में स्थित है तो उनके लिए यह समय बेहतरीन परिणाम देने वाला होगा।
शेष राशियों में भी जिसमें शनि उच्च अर्थात तुला राशि में स्थित है उन्हें किसी विशेष लाभ की संभावनाएं हैं। कोई बड़ा कार्य जो बहुत दिनों से अटका हुआ है अब वह पूर्ण हो जाएगा।
जानिए की आपकी राशी पर क्या होगा प्रभाव/असर ..इस परिवर्तन का---
मेष- इस राशि के लिए सातवां शनि सामान्य रहेगा। शनि के राशि बदलने से आपको कोई विशेष लाभ या हानि होने के योग नहीं बन रहे हैं। जमीन से लाभ होने की संभावनाएं हैं। इन लोगों को शिवजी के दर्शन प्रतिदिन करने चाहिए, विशेष लाभ होगा।
वृषभ- वृष राशि के लिए अब शनि छठा रहेगा। अत: इन लोगों के लिए किसी बड़े प्रोजेक्ट में सम्मिलित होने का योग बन रहा है। कार्य में निरंतरता रहेगी। जोखिम पूर्ण कार्यों में सतर्क रहने की आवश्यकता है। नीले वस्त्रों का त्याग करें और शनि के निमित्त दान करें, अशुभ प्रभावों से बचाव होगा।
मिथुन- जिन लोगों की राशि मिथुन है उनके लिए अब शनि पांचवां रहेगा। इस राशि से शनि की ढैय्या समाप्त हो रही है। जो कि आपको खुशियां दिलाने वाला समय रहेगा। सभी कार्य समय पर होने लगेंगे तथा आप राहत महसूस करेंगे। अपने कुल भैरव के दर्शन करें, पुराने अटके कार्य भी पूर्ण हो जाएंगे।
कर्क- अब कर्क राशि पर शनि का ढैय्या प्रारंभ हो रहा है। इस राशि के लोगों की कुंडली में यदि शनि उच्च का है या स्वराशि में स्थित है या मित्र रााशि में है तो यह समय आपके लिए बेहतरीन सफलताएं दिलाने वाला रहेगा। किसी पुरानी समस्या या बीमारी से मुक्ति मिलने के योग बन रहे हैं। शनिवार को काले वस्त्र पहनें, हनुमान चालीसा का पाठ करें, विशेष लाभ प्राप्त होंगे।
सिंह- शनि के तुला राशि में प्रवेश करने से सिंह राशि साढ़ेसाती से मुक्त हो गई है। इस राशि के लोगों के लिए यह स्थिति सामान्य ही रहेगी। सामान्यत: सिंह राशि के लोगों के लिए पिछले तीन साल शनि लाभदायक ही था। इनके लिए शनि आगे भी यही स्थिति बनाए रखेगा। खुशियों की प्राप्ति होगी। हनुमानजी का शृंगार करवाएं, विशेष लाभ होगा।
कन्या – इस राशि पर अब शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या प्रारंभ हो गया है जो कि आपके लिए अच्छा लाभ देने वाला रहेगा। पुराने समय से चले आ रही परेशानियां और बीमारियां दूर होने की संभावनाएं बन रही हैं। शनि के तुला में आने से शुभ समाचार मिलेंगे। समस्याओं को दूर करने में आपका परिवार सहयोग करेगा। हनुमानजी को तेल दीपक लगाएं, अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा।
तुला- अब तुला राशि में शनि आ गया है। अत: शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव मध्यम हो जाएगा। हालांकि कुछ मानसिक चिंताएं बनी रहेगी। इस समय तुला राशि के लोगों को निवेश से बचना चाहिए। कोई कार्य करें पूरी सावधानी रखें, तभी हानि से बच सकेंगे। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। हनुमानजी एवं शिवजी का पूजन प्रतिदिन करें, शनि के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलेगी।
वृश्चिक- अब से वृश्चिक राशि पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हो रही है। इन लोगों पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण शुरु होगा। साढ़ेसाती से इन लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है, यह समय इन्हें लाभ ही देगा। वृश्चिक राशि के लोगों को निवेश से बचना चाहिए तथा स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। हनुमान चालीसा का पाठ करें और अधार्मिक कार्यों से बचें।
धनु- धनु राशि के लोगों के लिए शनि शुभ फल देने वाला होगा। इस ग्रह स्थिति से इन लोगों को कोई विशेष सफलता मिलने की संभावनाएं हैं। नौकरी या व्यवसाय बदलने की योजना बनेगी तथा तीर्थ यात्रा भी होगी। शिव अराधना करें, शनि अतिरिक्त लाभ प्रदान करेगा।
मकर- शनि इस राशि का ग्रह स्वामी है। अत: शनि के राशि बदलने से इन लोगों को कार्य योजनाओं में सफलता मिलेगी। कारोबार में कोई बड़ी सफलता प्राप्त होने के योग बन रहे हैं। शनि की इस स्थिति के कारण नए मकान खरीदने का मन होगा। नौकरी बदलने के आसार भी बन रहे हैं। नियमित रूप से भैरव के दर्शन करें तो शनि से अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा।
कुंभ- शनि के तुला राशि में आने से कुंभ राशि के लोगों को विचारों में बिखराव महसूस होगा। वर्तमान कार्यों में मन नहीं लगेगा। हालांकि शनि की यह स्थिति इन लोगों को नए कार्य प्राप्त करवाएगी, ऐसे योग बन रहे हैं। समय के साथ कार्य में ठहराव आएगा, लाभ प्राप्त होंगे। प्रेम निवेदन स्वीकार होंगे। शनिवार को पीपल पर जल चढ़ाएं, मन शांत रहेगा।
मीन- इस राशि पर अब शनि की ढैय्या प्रारंभ हो रही है। तुला राशि में उच्च का शनि मीन राशि के लोगों के लिए थोड़ी परेशानियां बढ़ा सकता है। इस समय इन लोगों को जल से दूर रहना उचित होगा। घर के बड़ों का सम्मान करें। परिवार में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। हनुमानजी का पूजन करें तथा शनि का दान करें, शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलेगी।
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